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Nirbhaya case: फांसी से पहले एक-एक सांस के लिए 4 महीने तड़पना भी न्याय ही है!
निर्भया मामले (Nirbhaya Case) में इंसाफ हो गया है. मामले के चारों आरोपी पवन (Pawan), अक्षय (Akshay), विनय (Vinay) और मुकेश (Mukesh) को फांसी (Capital Punishment) के फंदे पर लटका दिया गया है. मामले पर हमें कोर्ट का इसलिए भी धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि इसने दोषियों को बताया कि एक एक सांस की कीमत क्या होती है.
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जानिए निर्भया के दोषियों ने इतने दिन जेल में क्या क्या किया
निर्भया कांड होने के बाद से इस मामले पर जो कुछ भी हुआ वो सभी को पता है, लेकिन जेल में कैद निर्भया के गुनहगारों की जिंदगी में क्या कुछ हुआ ये कोई नहीं जानता. जेल की चार दीवारी के सीमित दायरों में चारों दोषियों ने बहुत कुछ किया जिसे शायद लोग जानना चाहें.
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Nirbhaya rapist ने क्या भोगा है, ये हर मनचले को जान लेना चाहिए
Nirbhaya Gangrape Case के चारों दोषियों की सजा और उससे बचने की जद्दोजहद (review petition mercy petition) पर अगर गौर किया जाए तो ये उन तमाम मनचलों के लिए सबक हैं, जिनकी नजरों में किसी महिला का सम्मान रत्ती बराबर भी नहीं है. पवन कुमार गुप्ता खुद को वारदात के समय जुवेनाइल होना बताकर क्या बच पाएगा?
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